एकेडमी ऑफ पीडियाट्रीज कानपुर वर्ड थैलेसीमिया डे पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसमें जीएसवीएम मेडिकल कालेज के तीन विभागों द्वारा और लखनऊ के वेदांता हस्पिटल के वरिष्ठ डाक्टर मौजूद रहे वही इस गोष्ठी में लखनऊ वेदांता के ब्लड कांसलार्ट एसके सिंह ने बताए की थैलीसीमिया एक गंभीर बीमारी है जो की अब आम हो रही है।प्रति वर्ष दस से बारह हजार बच्चे इस बीमारी की चपेट आ रहे है।इस बीमारी के इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से सफल इलाज किया जाता है।जिसमे दस लाख रुपए तक खर्च आता है।विशेष कर यह बीमारी रिस्तेदारो में शादी होने से बढ़ती है।सिंघी पंजाबी और पारसी समाज के लोगो में अधिक पाई जाती है।अगर गर्ववस्था के दौरान एचपीएलसी जांच के जरिए बीमारी का पता लगाया जा सकता।अब तो इस बीमारी के इलाज के लिए सीएम फंड रिलीज सरकार के द्वारा किया जा रहा है जिससे थैलीसीमिया नाम की बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।थैलीसीमिया बीमारी इन दिनों बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है।प्रत्येक वर्ष दस से बारह हजार बच्चे इसकी चपेट आ रहे है।दिन पर दिन थैलीसीमिया बीमारी अपने पैर पसार रही है।जिसके लिए लोगो को इसके प्रति जागरूक किया जा रहा है।इसमें जीएसवीएम के टीम विभागो ने मिलकर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है इसके लिए उन बच्चो के अभिवावको को बुलाया गया।साथ कार्यक्रम में बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया है।

 

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