उ०प्र० मदरसा कानून निरस्त करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाये जाने का स्वागत
कानपुर, आदर्श लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष एवं कानपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष श्री शाकिर अली उस्मानी ने कहा कि उ०प्र० के सत्रह लाख छात्रों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी० वाई० चन्द्रचूड़, जस्टिस जे० बी० पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने यू०पी० मदरसा शिक्षा कानून 2004 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो निरस्त करने का आदेश दिया था, उस पर उपरोक्त सुप्रीम कोर्ट के विद्वान जजों नें रोक लगाकर स्वागत योग्य काम किया है। उ०प्र० सरकार लगातार अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किसी न किसी माध्यम से कर रही है जो संविधान और लोकतंत्र के विरूद्ध है। उस्मानी ने आगे कहा कि उ०प्र० की सरकार लगातार न्यायालयों को गुमराह करने का कार्य करती है। मदरसों के बच्चों कों गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले जिससे वे आगे चल करके डाक्टर, इन्जीनियर, वकील, प्रोफेसर बन सके । उ०प्र० के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा है कि उ०प्र० सरकार मदरसों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। सुप्रीमकोर्ट के फैसले का स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से प्रदीप यादव,मनोज बाल्मीकि, राहुलन,अम्बा चाडेकर, राजेश सोनकर,श्याम सोनकर,सुनील वर्मा एड०, रियाजुर्रहमान एड० आदि लोग उपस्थित रहे ।