संकट मोचन, हनुमान चालीसा हो या
रामायण, सभी में हनुमान जी को संकट मोचन कहा गया है। अर्थात हनुमान जी ऐसे महापुरुष थे जो अपने चाहने वालो के संकट मिटाते थे। चाहे वह माता सीता को ढूँढना हो या लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाना। जब-जब भगवान राम पर कोई विपदा आई तब-तब उन्होंने अपने परम भक्त हनुमान को याद किया और हनुमान ने उनका हर संकट दूर भी किया।
हनुमान की निष्ठाभाव से की गयी भक्ति से प्रसन्न होकर माता सीता ने उन्हें अजय अमर होने का आशीर्वाद दिया था। अर्थात हनुमान जी ही भगवान के रूप में ऐसे जीवित मनुष्य है जिन्होंने अमर होने का वरदान प्राप्त किया। लोगों का आज भी यह प्रबल रूप से मानना हैं कि भगवान हनुमान आज भी किसी ना किसी रूप में इस पृथ्वी पर है और उन्हें अगर सच्चे मन से याद किया जाये तो वे अपने भक्तों के हर संकट हरते है।
हनुमान जी का पंचमुखी अवतार
पंचमुखी भी एक संस्कृत भाषा का शब्द है जो दो शब्दों के जोड़ने से बना हैं। इसमें पंच का अर्थ संख्या पांच से है व मुखी का अर्थ मुहं से है अर्थात पांच मुहं वाले हनुमान।
एक बार रावण के भाई अहिरावण या महिरावण जो अपनी मायावी शक्तिओं के लिए प्रसिद्ध था, उसने भगवान राम व लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था और उन्हें पाताल लोक ले गया था। वह वहां अपनी देवी महामाया के सामने दोनों की बलि चढ़ाने वाला था किन्तु हनुमान वहां उन्हें बचाने आ गए।
वहां उन्होंने देखा कि पांच दिशाओं में पांच दीपक जल रहे हैं जिन्हें एक साथ बुझाने पर ही अहिरावण का वध संभव था। इसलिये हनुमान ने पांच मुख वाले हनुमान का रूप धरा जिसमे उन्होंने वराह, गरुड़, नरसिंह व हयग्रीव देवताओं के मुख धरे और अहिरावण का वध किया।
वैसे तो भगवान हनुमान के 108 नाम हैं जिसमे से 12 नाम प्रमुख है जिनका जाप करने से आपके कष्ट दूर होंगे। इसी के साथ आप सभी को जय बजरंग बलि।
वाणी बोलो प्रेम की , करो राम से काम।
यह जीवन है राम का, करो राम के नाम
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