एफ आई आर में नामजद 5 लोगो की बिठूर पुलिस नहीं कर रहीं गिरफ़्तारी!
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा कानपुर का बिठूर थाना!
मामला है कानपुर जिले के बिठूर थाना अंतर्गत ग्राम चक रतनपुर का जहाँ पर निहाल सिंह नामक युवक जो शादीशुदा होते हुए भी एक 16 वर्षीय नाबालिग युवती को अपने प्रेमजाल में पहले फसाता है फिर उसे अपने 5 अन्य साथियो के साथ बहला – फुसला कर जिले से बाहर प्रयागराज ले जाता है एवं नाबालिग को शादी का झांसा देकर कई दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म करता है जिसमे निहाल का सम्बन्धी अधिवक्ता राजेश यादव संपूर्ण सहयोग करता है!
जिसके बाद नाबालिग युवती का पिता सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर युवती का पता लगाकर पुलिस द्वारा प्रयागराज से बरामद करवाता है जिसमे बिठूर पुलिस ने न तो सही समय पर नाबालिग का मेडिकल कराया उल्टा नाबालिग को पुलिस द्वारा डराया व धमकाया भी गया!
जहाँ पुलिस को तत्काल नाबालिग का मेडिकल करना चाहिए था एवं पास्को एक्ट की कार्यवाही भी करनी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने विपक्षियों पर मेहरबान होकर नाबालिग का लगभग 2 महीने बाद मेडिकल कराया जिसमे दुष्कर्म की पुष्टी नहीं पायी गयी! जिसमे पुलिस की मिली भगत होने की पूर्ण सम्भावना नज़र आती है!
एक ओर नाबालिक ने मीडिया के सामने दुष्कर्म होना स्वीकार किया वही दूसरी ओर मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टी नहीं पायी गयी जो कि एक बड़ा सवाल है!
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के मुताबिक जिन अपराधों में 7 साल के ऊपर सज़ा का प्रावधान है उनमे तत्काल आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाना सुनिश्चित किया गया है तो वही कानपुर की बिठूर पुलिस ने अभी तक अपहरण के मुकदमे में 5 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जिनके द्वारा पीड़िता नाबालिक पर दोबारा हमले का प्रयास किया गया जो कि पुलिस कि कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है!