जनपद में 174 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 38 नोडल अधिकारियों की तैनाती करके उनके दात्यिवों का कराया गया बोध
उन्नाव । कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावी बचाव एवं इसकी रोकथाम के उद्देश्य से गठित कोविड-19 निगरानी समितियों के सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं नोडल अधिकारियों को स्थानीय विकास भवन सभागार में चार चरणों में प्रशिक्षण प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश एवं नोडल अधिकारी जनपद दीपक कुमार, जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार, मुख्य विकास अधिकारी सरनीत कौर ब्रोका की उपस्थिति में प्रशिक्षण दिया गया।प्रशिक्षण के दौरान प्रमुख सचिव आवास ने उपस्थित सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं नोडल अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि जिला प्रशासन द्वारा गठित कोविड-19 निगरानी समितिया बनायी गयी। जिला से लेकर ग्राम स्तर तक की समिति का प्रबन्धन सराहनीय है। जिन अधिकारियों की जिस क्षेत्र में ड्यूटी लगायी गयी हैं वें पूरे सेवा भाव के साथ अपने का बचाव करते हुये जिम्मेंदारियों का निर्वाहन करें।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रदेश सरकार ग्रामीण स्तर पर बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिये वृहद स्तर पर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। समय पर किये जाने के उद्देश्य से ग्रामसभा से लेकर जनपद स्तर तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती की गयी है। आमजन को कोरोना वायरस से बचाव के अभूतपूर्व तैयारियंा किये जाने की रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिये गये है। जिसके तहत जनपद में 174 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 38 नोडल अधिकारियों की तैनाती करके उनके दात्यिवों का बोध कराया गया है उन्हे विस्तार से बताया गया कि सेक्टर मजिस्ट्रेट के द्वारा निगरानी समिति के कार्मिक का प्रभावी अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करते हुये प्रतिदिन अपने-अपने क्षेत्र की सभी निगरानी समितियों से सम्भावित कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों का डाटा व्हाटस्प ऐप के माध्यम से लेकर गूगल शीट पर फीड किया जायेंगा। यह भी सुनिश्चित किया जायेंगा की संक्रमित व्यक्तियों को आवश्यक सभी सहायता उपलब्ध करा दी गयी है। सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा प्रतिदिन दो ग्रामों की निगरानी समितियों का भ्रमण करते हुये फीडबैक प्राप्त कर निर्धारित प्रारूप पर अपनी स्वंय की ई-मेल आईडी का प्रायोग कर प्रतिदिन गूगल शीट पर भरी जायेंगी तथा सूचना का प्रेषण खण्ड विकास अधिकारी एवं जिला मुख्यालय पर प्रेषित की जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विकास खण्डों में बने सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं नोडल अधिकारियों के व्हाटस्प ऐप ग्रुप में सूचना शेयर की जायेंगी। जिसमें समस्त खण्ड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी भी जुडे हुये रहेंगे। सेक्टर मजिस्टेªट प्रत्येक ग्राम में सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई तथा कन्टेनमेंट जोन में बैरेकेटिंग की व्यवस्था, निगरानी समितियों के माध्यम से कोवडि-19 से संक्रमित रोगियों का चिन्हिकरण एव दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करायेंगे।मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु गठित कोविड-19 निगरानी समितियों द्वारा निष्पादित किये जाने वाले कार्यों में न्यूनतम 10 सदस्य होते है जिसका अध्यक्ष ग्राम प्रधान होता है। समिति में प्रत्येक ग्राम/वार्ड में लेखपाल, सचिव, कोटेदार, आशा बूह, सफाई कर्मचारी, ग्राम रोजगार सेवक, आंगनबाडी, शिक्षा मित्र, चैकीदार तथा दो ग्राम के सभ्रांत व्यक्ति को रखा गया है। उन्होंने बताया कि निगरानी समिति की ग्राम में नियमित बैठके होंगी जिसमें कोविड संक्रमण से बचाव पर नियमित चर्चा की जायेंगी। संक्रमित व्यक्तियों तथा उससे सम्बन्धित लक्षण वाले व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता, संक्रमित परिवारों के घरो के आस-पास गलियों, नालियों में फॅागिंग व सेनेटाइजेशन की कार्यवाही, पल्स आॅक्सीमीटर, थर्मामीटर के द्वारा व्यक्तियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण आदि की भूमिका निभायेंगे। उन्होंने बताया कि ग्राम में आशा कार्यकत्री के द्वारा अन्य गम्भीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों की सूची बनाकर निगरानी करेंगे तथा कोविड प्रोटोकाल के नियमों के तहत ग्राम वासियों को नियमित रूप से हाथ, पैर, चेहरे को साबुन से धुलने, मास्क का नियमित प्रयोग करने, सेनेटाइजर का प्रयोग, उचित सामाजिक दूरी का पालन करने के उद्देश्य से जन जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। प्रशिक्षण को प्रमुख रूप से श्री चन्द्रशेखर उपायुक्त राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन ने भी विस्तार से सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं नोडल अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया।