सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय
विषय- महारानी लक्ष्मीबाई जी के किले की पहाड़ी को सांस रहने तक नही खोदने देंगे।

महोदय,
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एक्ट का उल्लंघन कर जिस प्रकार महारानी की धोखा देकर दूल्हा जू किले को क्षति पहुचाई थी आज दूल्हा जू के अनुयायी महारानी लक्ष्मीबाई जी के किले को बाहर से नुकसान पहुंचा रहे है।
महारानी का किला पुरातत्व एक्ट अति संगरक्षित धरोहर है जिसके 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार की खुदाई या निर्माण कार्य किया ही नही जा सकता है।
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा द्वारा फ़ोटो युक्त झांसी के किले की पहाड़ी की दुर्दशा को दर्शाते हुए एक पैम्फलेट झांसी के विभिन्न क्षेत्रों में वितरित किया गया।
पर्चा बांटने वालो में

🔥((पर्चे का प्रारूप))🔥
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महारानी लक्ष्मीबाई जी के किले को बचाइए।
सम्मानित बुन्देली योद्धा,
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई जी के किले का अंतराष्ट्रीय स्तर पर महत्व है।
झांसी की महारानी का किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है। आज किले की पहाड़ी (नींव) को खोद कर उसपर चंद पैसों की लालच में पाथ वे बनाने का कु प्रयास किया जा रहा है। जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक्ट 2010 के अनुसार ” केंद्रीय संरक्षित स्मारक के प्रतिषिद्ध क्षेत्र के 100 मीटर के भीतर लोक परियोजना (सरकारी कार्य भी) सहित किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नही होगी” साथ ही किसी भी तरह की भारी मशीन का प्रवेश भी नही हो सकता है।
केंद्र सरकार ने एक्ट इसलिए बनाया है कि सरकार की ऐसी मंशा है कि पुरातत्व धरोहरों की ऐतिहासिकता से कोई भी किसी भी तरह की छेड़ छाड़ नही किया जा सके।
सूचना के अधिकार के अंतर्गत पुरातत्व विभाग झांसी सर्किल ने भानू सहाय को बताया है कि” झांसी दुर्ग एवं दुर्ग के चतुर्दिक भूमि भी संरक्षित स्मारक रानी के किले का हिस्सा है। जोकि भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय संरक्षित स्मारक की सूची में अधिसूचित है”।
फिर भी महारानी लक्ष्मीबाई जी के किले के चारो ओर बुलडोज़र और रोड़ रोलर जैसी भारी भरकम मशीनों से किले की पहाड़ी को खोद कर किले की नींव को कमजोर किया जा रहा है। पुरातत्व विभाग के एक्ट का घोर उल्लंघन कर बोल्डर, बजरी, गिट्टी आदि का प्रयोग कर पाथ वे का निर्माण कराया जा रहा है जो पूर्णताः गैर कानूनी है।

💥महारानी के किले की पहाड़ी (नींव) को बचाने के लिए बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानू सहाय ने यह संकल्प लिया है कि या तो पहाड़ी बचेगी या जहाँ से महारानी लक्ष्मीबाई जी किले दे कूदीं थी उसी जगह से कूद कर जान दे देंगे।💥
किला एक पहाड़ी पर बना हुआ है जो किले की नींव है। अगर नींव को खोद कर कमजोर किया जाएगा तो जब भी ज्यादा वारिश होगी नींव की मिट्टी दरकेगी जिससे कालान्तर में किले को भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा संकल्पित है कि एक्ट के विरुद्ध जिन लोगो ने नींव को खोद कर कमजोर करने का कार्य किया है उनके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय तक जाया जाएगा।
🔥एक वर्ग महारानी की आन, बान, शान व धरोहर को बचाने के लिए अपने प्राण देने को तैयार है वही दूसरा वर्ग दूल्हा जू एवं पीर अली जैसे गद्दार जिन्होंने रानी के समय में किला बर्बाद करवाया था आज उनके अनुयायी किले को बाहर से बर्बाद करने का कार्य कर रहे है।🔥
👉जो कार्य किले के सुंदरीकरण के लिए किए जाना आवश्यक है वो एक्ट के पालन करके भी किये जा सकते है।
🙏 — आग्रह–🙏

जनता जनार्दन से ये अनुरोध है कि एक बार अपनी महारानी के किले को चारों तरफ से जाकर देख तो लीजिये। किले की प्राकर्तिक सुन्दरता और उसकी ऐतिहासिकता से खिलवाड़ किया जा रहा है।
जिस पहाड़ी से महारानी घोड़े के साथ कूदी थी उसका स्वरूप बदला जा रहा है। पाथ वे बन जाने के बाद जब उस स्थान पर खड़े होकर सैलानी नीचे पहाड़ी को देखेगा तो उसको समझ मे ही नही आ पायेगा की महारानी का घोड़ा क्या इतने अवरोध पार भी कर सकता होगा। सैलानी को महारानी को घोड़े के साथ किले से कूदने की सत्य कहानी भी मनगढंत प्रतीत होगी।
दूल्हा जू एव पीर अली के अनुयायियों के इरादों को धुवस्त कर महारानी की धरोहर को बचाने के लिए आगे आकर अपनी महारानी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कीजिये।
🌹साबित कीजिये कि हम सच्चे रानीवादी थे, रानीवादी है और रानीवादी रहेंगे।🌹
महारानी लक्ष्मीबाई अमर रहे।
भानू सहाय अध्यक्ष
बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा

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