कन्नौज के राजा होकर भी खजूर के पंखे बेचकर परिवार पालते थे वेणु, उनकी बेटी फूलमती बनीं सिद्धपीठ

Sat, 02 Apr 2022
इत्र और इतिहास की नगरी कन्नौज में स्थित ऐतिहासिक सिद्धपीठ माता फूलमती देवी मंदिर की मान्यता जिले के अलावा देश के कई राज्यों में है। नवरात्र के दिनों में यहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। मान्यता है कि मंदिर में स्थापित माता फूलमती प्रतिमा का नीर (स्नान कराए गए पानी) आंखों की ज्योति को बढ़ाता है। महाराजा वेणुचक्र की सात पुत्रियों में से एक फूलमती देवी का मंदिर कन्नौज-मकरंदनगर मार्ग पर स्थित है। मंदिर में दर्शन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

मंदिर का इतिहास :

इतिहासकारों के अनुसार माता फूलमती के पिता वेणु कन्नौज के राजा थे। राजा होने के बावजूद राजकोष का एक भी पैसा अपने व अपने परिवार पर नहीं खर्च करते थे। वह खजूर के पत्तों से बने पंखों को बेचकर धन जुटाते थे। स्वयं की माली हालत ठीक न होने की वजह से वह अपनी सात पुत्रियों के विवाह को लेकर चितित रहते थे। पिता को चिंतित देख सातों बहनों फूलमती देवी, क्षेमकली देवी, सिंहवाहिनी, मौरारी देवी, गोवर्धनी देवी, शीतला देवी और तपेश्वरी देवी ने वैराग्य धारण कर अलग-अलग स्थानों पर चली गईं। आज उन्हीं स्थानों पर भव्य मंदिर बने है, जो कि सिद्धपीठ कहलाते हैं। इन सिद्धपीठों में एक माता फूलमती देवी का भव्य मंदिर है।

ऐसे पहुंचे मंदिर :

कन्नौज रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड से चार किलोमीटर तथा कन्नौज सिटी स्टेशन से महज डेढ़ किमी की दूरी पर यह मंदिर स्थित है। यहां से टेंपो सुविधा उपलब्ध है जो मंदिर तक पहुंचाती है। मंदिर के पास ही सेठ वासुदेव सहाय इंटर कालेज व विनोद दीक्षित अस्पताल प्रसिद्ध स्थान हैं। सिद्धपीठ माता फूलमती देवी मंदिर की विशेष मान्यता है।

-नवरात्र के सभी दिनों में मातारानी का फूलों से श्रृंगार किया जाता है। शाम को भव्य आरती होती है। बाहर से आने वाले भक्तों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। -शिखर मिश्रा, पुजारी व अध्यक्ष मंदिर समिति

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