वोकल फॉर लोकल का मंत्र

देशहित के लिए प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा दिया गया,वोकल फॉर लोकल का मंत्र रंगों के पर्व होली के सफल होता दिखाई पड़ रहा है,दरअसल होली पर लगने वाले बाजार में लोकल स्तर पर बनने वालें रंगों गुलालों और जनपद में पीतल कारीगरों के द्वारा बनाई जाने वाली मेटल की सुंदर सुंदर पिचकारियों से दुकानों पर सज गई है । लोग भी चाइनीज पिचकारियों रंगों के मुकाबले देशी रंगों और देशी पिचकारियों की कही ज्यादा खरीदारी कर रहे है । खरीदारी करने वाले ग्राहकों का कहना है कि बाजार में बिकने वाली चाइनीज पिचकारी और रंगों से कही ज्यादा बेहतर देशी पिचकारियां और रंग है । यह हमारे पर्यावरण और स्वास्थ के लिए भी सही है । प्लास्टिक की चाइनीज पिचकारी देखने में सुंदर और सस्ती तो जरूर है लेकिन चाइनीज पिचकारियां और कैमिकल से बने रंग हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते है । पीतल स्टील की देशी पिचकारी कई साल तक चलती है और मजबूत भी रहती है खराब होने पर इसे आसानी से बेचा भी जा सकता है। इसलिए हम देशी रंगों और पिचकारियों की खरीदारी कर रहे है । इससे लोकल स्तर पर लोगो को रोजगार भी मिलता है लोग आत्मनिर्भर होते है पलायन जैसी समस्या दूर होती है,बही जनपद के कारोबारियों दुकानदारों का कहना है कि इस बार बाजार में होली पर देशी स्तर पर बने काफी उत्पाद मौजूद है । बाजार में लोग देशी उत्पादों को खरीदने में प्राथमिकता दे रहे है । यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा दिए गए वोकल फॉर लोकल मंत्र का ही परिणाम है । इस बार लोग पीतल स्टील की पिचकारी की मांग बहुत अधिक कर रहे है बाहर से भी आर्डर प्राप्त हो रहे है। पीतल कारीगरों को भी अच्छा ख़ासा मुनाफा मिल रहा है।

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