कानपुर देहात में पेट में कीड़े मारने की दवा खाने के बाद जैनपुर स्थित संविलियन विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने वाले 11 बच्चे पेट दर्द की शिकायत के बाद रोने लगे। बच्चों के अभिभावक विद्यालय पहुंचे और परेशान हो पुलिस सहित स्वास्थ्य विभाग को मामले की जानकारी दी। एंबुलेंस बुलाकर सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सही होने के बाद घर भेज दिया गया। कुल 75 बच्चों को दवा दी गई थी।
सरवनखेड़ा ब्लाक के संविलियन विद्यालय जैनपुर की प्रधानाचार्य सुधा मिश्रा ने स्टाफ की मदद से बच्चों को कीड़ा मारने की सरकारी दवा खिलाई। इसके खाते ही सबसे पहले जैनपुर निवासी नीलू के कक्षा पांच में पढ़ने वाले 10 वर्षीय पुत्र अवि के पेट में दर्द होने लगा। कुछ देर में करन सिंह की 13 वर्षीय पुत्री आराधना व 11 वर्षीय पुत्री शालिनी, राज किशोर यादव की 12 वर्षीय पुत्री सीमा देवी, रामकेश की चार वर्षीय पुत्री ईशान्या, कमल सिंह की 12 वर्षीय पुत्री अर्पिता, रोहित की 10 वर्षीय पुत्री चिरागिनी, कल्लू यादव की 11 वर्षीय पुत्री डाली, तेज प्रसाद की 11 वर्षीय पुत्री खुशी देवी, अमन यादव की 10 वर्षीय पुत्री अंशिका व मकरंदपुर निवासी अमित कुमार की नौ वर्षीय पुत्री खुशी विश्वकर्मा ने भी दर्द की शिकायत की। जानकारी मिलते ही अभिभावकों में अफरातफरी मच गई और और विद्यालय में ग्रामीणों का हुजूम एकत्र हो गया। जैनपुर चौकी प्रभारी धर्मेंद्र सिंह पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। वहीं कुछ देर बाद डिप्टी सीएमओ डा. आशीष बाजपेयी भी आ गए। उन्होंने चौकी इंचार्ज की मदद से ग्रामीणों को समझाया कि दवा बच्चों को नुकसान नहीं बल्कि बेहतरी के लिए खिलाई जा रही है इन्हें जो समस्या हुई है वह दवा के स्वभाव में शामिल है जो किसी किसी में देखने को मिलती है। उन्होंने प्रधानाचार्य सुधा मिश्रा से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि शनिवार को पहले दिन 75 बच्चों को दवा खिलाई थी, जिसमें अभी एक ने पेट में दर्द होने की बताई। धीरे-धीरे अन्य को भी दिक्कत होने लगी। चौकी इंचार्ज ने दवा का खाली रेपर सहित 10 टेबलेट का पत्ता कब्जे में लिया है, दवा की एक्सपायरी 2024 की थी। सीएमओ डा. एके सिंह व कोतवाल भी पहुंचे। सीएमओ ने बताया कि सभी बच्चों की हालत ठीक है जो दिक्कत हुई है वह दवा का स्वभाव है पूरी जानकारी के अभाव में बच्चे मानसिक रूप से घबरा गए जिसके कारण दिक्कत हुई है।