कानपुर देहात में बुखार से युवक व किशोर की मौत, अब तक 81 लोगों ने तोड़ा दम

संदलपुर व झींझक सहित अन्य क्षेत्रों में डेंगू और बुखार से मौतों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकारी आंकड़ों में डेंगू से सिर्फ एक मौत ही दर्ज है। रविवार को बुखार से संदलपुर के बजारन डेरा में एक युवक और झींझक कस्बे में एक किशोर की मौत हो गई। जिले में डेंगू व बुखार से अब मरने वालों की संख्या 81 पहुंच गई है।

संदलपुर ब्लॉक के बहबलपुर के मजरा बंजारन डेरा निवासी मरदान सिंह (36) की रविवार सुबह मौत हो गई। परिजनों के अनुसार उसे कई दिन से बुखार आ रहा था। वहीं, झींझक के सम्राट अशोक नगर निवासी राजेश यादव के बेटे सूर्यांश (16) को चार दिन से बुखार आ रहा था।

सूर्यांश का इलाज कानपुर के निजी अस्पताल में चल रहा था। शनिवार देर रात इलाज के दौरान सूर्यांश ने दम तोड़ दिया, लेकिन सरकारी आंकड़े इससे इतर हैं। आंकड़ों के अनुसार झींझक में सिर्फ एक महिला की डेंगू से मौत हुई है। ऐसे में तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही जांचों पर संदेह खड़ा होता है।

उधर मुंगीसापुर के नंदपुर की पिंकी को रविवार सुबह अचानक बुखार आया तो परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल ले लाए। वहां चिकित्सकों ने इलाज शुरू किया तो पिंकी ठीक तरीके से सांस नहीं ले पा रही थी। आनन -फानन में चिकित्सकों ने हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

हर पीएचसी में भेजी गई 150-150 रैपिड किट

सीएमओ डॉ. एके सिंह ने बताया कि जनपद की सभी पीएचसी में डेंगू जांच के लिए 150-150 रैपिड कार्ड भेजे गए हैं। इन कार्ड के माध्यम से तुरंत डेंगू की जानकारी हो जाती है, लेकिन सरकार एलाइजा टेस्ट को ही मानती है। इस वजह से कार्ड में डेंगू पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों की एलाइजा जांच के लिए खून का सैंपल लेकर जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर भेज दिया जाता है।

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